नई दिल्ली : मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान (एसआइआर) के दूसरे चरण में देश के 12 राज्यों में कार्य जारी है। इस बीच कुछ राज्यों से खबरें आई थीं कि काम के दबाव में कई बीएलओ ने आत्महत्या कर ली।
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| कोलकाता में सोमवार को बीएलओ ने किया प्रदर्शन |
चुनाव आयोग ने इन रिपोर्ट्स पर संज्ञान लेते हुए स्पष्ट किया कि काम के दबाव में मौतों की घटनाओं से इनकार किया गया है और मामले की जांच की जा रही है। आयोग ने कहा कि एसआइआर से इन मौतों को जोड़ना जल्दबाजी होगी, क्योंकि स्वास्थ्य, पारिवारिक कारण या राजनीतिक दबाव जैसी अन्य वजहें भी हो सकती हैं।
आयोग के अनुसार बिहार में ऐसी कोई घटना नहीं हुई। वहीं, बिहार में पहले चरण का कार्य थोड़ा कठिन था, लेकिन इस बार 12 राज्यों में कार्य के लिए 10 दिन मिले हैं और कागजात जुटाने का झंझट भी नहीं है।
अगर किसी का नाम ड्राफ्ट सूची में नहीं रहेगा, तो अंतिम सूची में जुड़ने के लिए 7 फरवरी तक समय मिलेगा।
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में सोमवार को बीएलओ ने प्रदर्शन किया। इस मुद्दे पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भी आयोग की भूमिका पर सवाल उठाए हैं।
