अयोध्या : राम मंदिर निर्माण के पूर्ण होने और नए युग की शुरुआत का प्रतीक बनने जा रहे ऐतिहासिक क्षण का आज अयोध्या साक्षी बनेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अभिजीत मुहूर्त में राम मंदिर के मुख्य शिखर पर भव्य भगवा ध्वज फहराएंगे। यह अवसर मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद दूसरा सबसे बड़ा कार्यक्रम माना जा रहा है।
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राम मंदिर में ध्वजारोहण की तैयारियां |
ध्वज फहराने के लिए मंदिर के शिखर पर विशेष स्वचालित प्रणाली स्थापित की गई है। 16 फीट चौड़ा और 22 फीट लंबा यह केसरिया ध्वज नीचे से शुरू होकर धीरे-धीरे शिखर पर पहुंचेगा। ध्वज पर सूर्य का प्रतीक, कोविदारा वृक्ष और ‘ॐ’ का अंकन इसे आध्यात्मिक और पारंपरिक स्वरूप प्रदान करता है।
विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति
इस ऐतिहासिक समारोह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित कई प्रमुख संत, शंकराचार्य, धर्माचार्य और राष्ट्रीय स्तर के अतिथिगण शामिल होंगे। सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए अयोध्या में कड़ी निगरानी और विशेष प्रोटोकॉल लागू किया गया है।
अनुष्ठान अभिजीत मुहूर्त में
ध्वजारोहण कार्यक्रम विवाह पंचमी के शुभ अवसर पर अभिजीत मुहूर्त में संपन्न होगा। कार्यक्रम के समयानुसार यह अनुष्ठान 11:52 बजे से 12:35 बजे के बीच लगभग चार मिनट तक चलेगा। इस दौरान 21 वैदिक आचार्य मंत्रोच्चार करेंगे जबकि स्वयंसेवक शंखनाद और जयघोष करेंगे।
विशाल आयोजन: होगी पुष्पवर्षा
मंदिर के 161 फुट ऊंचे शिखर पर स्थापित 42 फुट लंबे ध्वजदंड के शीर्ष पर ध्वज फहराने के साथ आकाश से हेलिकॉप्टर द्वारा पुष्पवर्षा की जाएगी, जिससे पूरा वातावरण धार्मिक और उत्सवमय होगा।
आयोजन स्थल पर 200 फीट चौड़ी एलईडी स्क्रीन लगाई गई है ताकि उपस्थित श्रद्धालु और अतिथि पूरे अनुष्ठान को स्पष्ट रूप से देख सकें। कार्यक्रम स्थल को 15 विशिष्ट ब्लॉकों में विभाजित किया गया है, जिन्हें विभिन्न ऋषियों के नाम दिए गए हैं, जैसे—वशिष्ठ, विश्वामित्र, अगस्त्य आदि।
देशभर से विशेष आमंत्रित श्रद्धालु
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार इस समारोह में 6,000 से 7,000 विशेष अतिथियों को आमंत्रित किया गया है। इनमें ग्रामीण क्षेत्रों के प्रमुख लोग, मंदिर निर्माण में योगदान देने वाले श्रमिक, अध्यात्म, कला, साहित्य और समाजसेवा से जुड़े प्रतिनिधि शामिल हैं। खासतौर पर समाज के सभी वर्गों की सहभागिता सुनिश्चित की गई है, जिससे यह आयोजन केवल धार्मिक नहीं बल्कि सामाजिक एकता और भारतीय सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक बन सके।
आस्था और गर्व का दिन
अयोध्या ध्वजारोहण समारोह केवल एक धार्मिक कार्यक्रम नहीं बल्कि ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और भावनात्मक क्षण है, जिसे करोड़ों भारतीय गर्व और उत्साह के साथ देख रहे हैं। आज का दिन भारत की संस्कृति, आस्था और सनातन परंपरा को एक नई पहचान देने वाला माना जा रहा है।
