लालसोट। पूर्वी राजस्थान में रेल सुविधाओं के विस्तार के तहत दौसा–गंगापुरसिटी रेल ट्रैक के विद्युतीकरण कार्य में तेजी से प्रगति हो रही है। नवंबर 2024 में शुरू हुई इस परियोजना का लगभग 50 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। रेलवे विभाग ने इसे मार्च 2026 तक पूरी तरह पूर्ण करने का लक्ष्य तय किया है। यह परियोजना 143 करोड़ रुपए की लागत से बनाई जा रही है।
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| दौसा से सलेमपुरा तक ट्रैक का विद्युतीकरण पूरा |
रेलवे: पर्यावरण और कनेक्टिविटी दोनों के लिए बड़ा कदम
रेलवे के सीपीआरओ कैप्टन शशि किरण ने बताया कि यह परियोजना क्षेत्र की कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण के लिए भी महत्वपूर्ण है।
विद्युतीकरण के बाद :
डीजल इंजनों की जगह इलेक्ट्रिक इंजन चलेंगे।
ईंधन की बड़ी बचत होगी।
लगभग शून्य कार्बन उत्सर्जन रहेगा।
रेलवे के राजस्व में उल्लेखनीय बचत होगी।
यह कदम प्रदूषण कम करने और तेज, सुरक्षित रेल संचालन की दिशा में बड़ा सुधार माना जा रहा है।
ट्रेनें 120 किमी/घं. की गति से दौड़ सकेंगी
यात्री सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए रेलवे बोर्ड ने इस मार्ग पर नई रेल सेवाओं की संभावनाओं पर भी काम शुरू कर दिया है।
विद्युतीकरण पूरा होने के बाद, दौसा, गंगापुरसिटी, सवाई माधोपुर, कोटा, जयपुर, भरतपुर, दिल्ली और आगरा route पर ट्रेनों की गति:
➡ 120 किमी प्रति घंटा तक बढ़ाने की योजना है।
इससे यात्राएं होंगी:
तेज, समयबद्ध और अधिक आरामदायक।
औद्योगिक क्षेत्र को मिलेगा बड़ा लाभ – बनेगा आधुनिक गुड्स शेड
परियोजना में एक आधुनिक गुड्स शेड के निर्माण का प्रावधान भी शामिल है। यह औद्योगिक क्षेत्र के लिए गेम-चेंजर साबित होगा।
लाभ:
मालगाड़ियों की गति बढ़ेगी।
उद्योगों को समय पर सामग्री की आपूर्ति मिलेगी।
लॉजिस्टिक लागत में कमी आएगी।
इसके साथ ही डिडवाना में इलेक्ट्रिक सब-स्टेशन बनाया जा रहा है, जो रेलवे को राज्य बिजली बोर्ड से स्थायी और निर्बाध बिजली आपूर्ति देगा।
कहाँ तक हुआ काम पूरा? – ग्राउंड अपडेट
स्टेशन मास्टर कैलाश मीणा के अनुसार :
दौसा से सलेमपुरा तक ट्रैक का पूरा विद्युतीकरण हो चुका है।
सभी तार खींच दिए गए हैं।
गंगापुर सिटी तक बिजली के खंभों की स्थापना 100% पूरी अगला चरण तेज गति से जारी।
उन्होंने बताया कि पूरी टीम लगातार काम कर रही है ताकि मार्च 2026 की डेडलाइन से पहले ही अधिकांश काम पूरा किया जा सके।
निष्कर्ष
दौसा–गंगापुरसिटी रेल ट्रैक विद्युतीकरण परियोजना पूर्वी राजस्थान की रेलवे सुविधाओं को नए स्तर पर ले जाएगी।
तेजी से चल रही इस परियोजना के पूरा होने के बाद :
यात्रा समय कम होगा।
पर्यावरण को लाभ मिलेगा।
उद्योगों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी।
इस रूट पर ट्रेनों की संख्या और गति दोनों बढ़ेंगी।
यह क्षेत्र की प्रगति और विकास के लिए एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
