किसानों को जहर-मुक्त खेती अपनाने का संदेश

प्राकृतिक संसाधन आधारित खेती पर कृषक प्रशिक्षण आयोजित



चौथकाबरवाड़ा। पूर्वी राजस्थान में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ग्राम पंचायत बिनजारी क्लस्टर के खेड़ा बालाजी स्थान पर कृषि विभाग द्वारा एक दिवसीय प्राकृतिक खेती प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह प्रशिक्षण राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन के तहत रखा गया, जिसमें क्षेत्र के 125 से अधिक किसानों ने भाग लिया।

बिनजारी में किसानों को जहर-मुक्त प्राकृतिक खेती का प्रशिक्षण

कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य किसानों को स्थानीय संसाधनों पर आधारित, पूरी तरह जहर-मुक्त खेती तकनीकों से जोड़ना था, ताकि मिट्टी, जल, पर्यावरण और फसल की प्राकृतिक गुणवत्ता को सुरक्षित रखा जा सके।

प्राकृतिक खेती विशेषज्ञ ने दिए वैज्ञानिक गुर

प्राकृतिक खेती विशेषज्ञ जानकीलाल मीणा (सूरवाल) ने किसानों को प्राकृतिक खेती की संपूर्ण प्रक्रिया विस्तार से समझाई। उन्होंने खेत में आसानी से तैयार किए जा सकने वाले प्रमुख जैविक घोलों व प्रबंधन प्रणालियों के बारे में वैज्ञानिक विधि बताई 

जीवामृत बनाने की विधि

बीजामृत द्वारा बीज उपचार

घनजीवामृत की तैयारी

नीमास्त्र, ब्रह्मास्त्र, दशमपर्णी घोल का प्रयोग

प्राकृतिक तरीके से होने वाला समन्वित पोषक तत्व प्रबंधन

भूमि जनित देसी केंचुए (Earthworms) की उपयोगिता

उन्होंने बताया कि ये सभी विधियाँ मिट्टी की उर्वरता को पुनर्जीवित करती हैं, कीट-रोग नियंत्रण में मदद करती हैं और लागत को लगभग 60–70% तक कम कर देती हैं।

रासायनिक लागत में कमी और उत्पादन में बढ़ोतरी

कृषि व्याख्याता फरीद खान ने बताया कि प्राकृतिक खेती न केवल रासायनिक खाद एवं दवाइयों की लागत घटाती है, बल्कि फसल की गुणवत्ता और पोषण क्षमता को भी बढ़ाती है।
उन्होंने कृषि विषय में अध्ययनरत विद्यार्थियों को कृषि विभाग की विभिन्न प्रोत्साहन योजनाओं एवं छात्रवृत्तियों की जानकारी भी दी।

किसानों को विभागीय योजनाओं की विस्तृत जानकारी

क्षेत्रीय सहायक कृषि अधिकारी विजय जैन ने किसानों को कई महत्वपूर्ण योजनाओं से अवगत कराया—

तारबंदी योजना

सूक्ष्म सिंचाई (ड्रिप-स्प्रिंकलर) सब्सिडी

कृषि पाइपलाइन योजना

कृषि यंत्र सब्सिडी

गोवर्धन जैविक उर्वरक योजना

किसान क्रेडिट कार्ड एवं अन्य विभागीय सहायता कार्यक्रम

उन्होंने किसानों को इन योजनाओं का लाभ उठाकर कम लागत में अधिक उत्पादन लेने की सलाह दी।

वरिष्ठ कृषि कार्मिकों की उपस्थिति

कार्यक्रम में वरिष्ठ कृषि पर्यवेक्षक मेघराज चौधरी, हनुमान गुर्जर, कृषि सखी अनीता बैरवा, कृषक मित्र कैलाश धाकड़, और ग्राम सेवा सहकारी समिति के व्यवस्थापक हेमराज गुर्जर मौजूद रहे।

किसानों ने प्रशिक्षण को अत्यंत उपयोगी बताते हुए भविष्य में पूरी तरह प्राकृतिक, जहर-मुक्त खेती अपनाने का संकल्प व्यक्त किया।

प्राकृतिक खेती प्रशिक्षण बिनजारी क्लस्टर

जहर-मुक्त खेती अपनाने का संदेश

जीवामृत, बीजामृत, नीमास्त्र बनाने की विधि

प्राकृतिक खेती विशेषज्ञ जानकीलाल मीणा

कृषि विभाग की विभिन्न योजनाएँ

किसानों ने प्राकृतिक खेती अपनाने का संकल्प



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