जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने तृतीय श्रेणी शारीरिक शिक्षक भर्ती–2018 में तीन वर्षीय बीपीएड (B.P.Ed) डिग्री धारकों को भी पात्र माना है। अदालत ने इस मामले में सरकार को दो माह के भीतर नियुक्ति देने के निर्देश दिए हैं।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय प्रकाश शर्मा और न्यायाधीश मनीष शर्मा की खंडपीठ ने यह आदेश बिमला कुमारी व अन्य की अपील पर सुनवाई करते हुए दिया। कोर्ट ने अपीलार्थियों को अपात्र मानने वाले हाईकोर्ट की एकलपीठ के पुराने आदेश को भी निरस्त कर दिया है।
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| हाई कोर्ट का बड़ा फैसला |
मामला क्या है?
वर्ष 2018 में कर्मचारी चयन बोर्ड ने तृतीय श्रेणी शारीरिक शिक्षक भर्ती निकाली थी। इसमें कई अभ्यर्थी मेरिट में शामिल होने के बावजूद केवल इस आधार पर चयन से बाहर कर दिए गए कि उनके पास तीन वर्षीय बीपीएड डिग्री थी, जबकि बोर्ड ने केवल एक वर्षीय बीपीएड डिग्रीधारकों को ही पात्र माना।
इसके विरुद्ध दायर याचिका को वर्ष 2013 में एकलपीठ ने खारिज कर दिया था। इसी निर्णय के खिलाफ अपील दायर की गई।
अपील में क्या कहा गया?
अपीलार्थी पक्ष के अधिवक्ता राजेन्द्र सोनी एवं आर.डी. मीना ने कोर्ट को बताया—
वर्ष 2014 में NCTE ने तृतीय श्रेणी शारीरिक शिक्षक पदों के लिए 3 वर्षीय बीपीएड डिग्री को भी मान्यता दे दी थी।
एकलपीठ में सुनवाई के दौरान NCTE ने भी याचिकाकर्ताओं को पात्र माना था।
ऐसे में पात्रता के बावजूद उन्हें नियुक्ति नहीं देना उचित नहीं है।
राज्य सरकार का तर्क
राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि राजस्थान अधीनस्थ शिक्षा सेवा नियम, 1971 में तीन वर्षीय बीपीएड डिग्री को पात्रता में शामिल नहीं किया गया है। इसलिए अपील को खारिज किया जाए।
लेकिन कोर्ट ने यह तर्क स्वीकार नहीं किया।
कोर्ट का निर्णय
हाईकोर्ट ने अपीलार्थियों को राहत देते हुए कहा—
3 वर्षीय बीपीएड डिग्रीधारक भी भर्ती-2018 के लिए पात्र हैं।
संबंधित अभ्यर्थियों को अगले दो माह के भीतर नियुक्ति प्रदान की जाए।
एकलपीठ का पूर्व आदेश निरस्त किया जाता है
इस फैसले का प्रभाव
इस निर्णय से राजस्थान में तृतीय श्रेणी शारीरिक शिक्षक भर्ती–2018 में चयन से वंचित रहे अनेक अभ्यर्थियों को राहत मिलेगी। साथ ही भविष्य की भर्तियों में भी तीन वर्षीय बीपीएड डिग्री को लेकर स्पष्टता बनी रहेगी।
