भाड़ौती । कस्बे में स्थित सहकारी सोसाइटी और निजी दुकानों पर इन दिनों यूरिया खाद की भारी किल्लत देखने को मिल रही है। एक रैक खाद आने के बावजूद किसानों की मांग पूरी नहीं हो पा रही है। स्थिति यह है कि जैसे ही खाद पहुंचने की खबर मिलती है, सैकड़ों किसान ट्रैक्टर और ट्रॉलियाँ लेकर दुकानों की ओर दौड़ पड़ते हैं।
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| कस्बे में स्थित सोसायटी से ट्रॉली में खाद भरवाते हुए की तस्वीर |
उपखंड क्षेत्र में सरसों और गेहूं की फसल के लिए पानी पिलाई का समय चल रहा है, और मोरल बांध व ढींल बांध से नहरों में पानी छोड़े जाने के बाद यूरिया की मांग और अधिक बढ़ गई है। इसी कारण खाद की उपलब्धता कम पड़ रही है।
भाड़ौती में सोमवार को पुलिस सुरक्षा के बीच खाद का वितरण किया गया, लेकिन कुछ ही समय में पूरा स्टॉक खत्म हो गया। कई स्थानों पर धक्का-मुक्की और अव्यवस्था की स्थिति बन गई। कृषि अधिकारियों ने हालात काबू में रखने के लिए प्रति किसान सिर्फ 2 कट्टे देने का निर्णय लिया।
बड़ागांव कहार सहित कई गांवों से किसान खाद की तलाश में भटक रहे हैं। मलारना डूंगर तहसील क्षेत्र की अधिकांश सहकारी समितियों में भी यूरिया उपलब्ध नहीं है। किसानों का कहना है कि खाद की कमी से उनकी फसलें प्रभावित हो रही हैं।
इस समस्या को लेकर ग्रामीण हंसराज मीणा, दिलखुश मीणा सहित कई किसानों ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर जल्द समस्या के समाधान की मांग की है। फिलहाल पूरे जिले में यूरिया खाद की जारी किल्लत से किसान बेहद परेशान हैं।
भाड़ौती क्षेत्र में यूरिया खाद की भारी किल्लत, किसानों में हाहाकार
📌 मुख्य बिंदु (Main Points)
भाड़ौती क्षेत्र में यूरिया खाद की कमी से किसान परेशान।
एक रैक आने के बाद भी मांग पूरी नहीं, लगातार लंबी कतारें।
सहकारी समितियों व निजी दुकानों पर धक्का-मुक्की और अव्यवस्था।
पुलिस सुरक्षा में खाद वितरण, फिर भी कुछ ही देर में खत्म।
कृषि अधिकारियों ने प्रति किसान केवल 2 कट्टे देने का नियम लागू किया।
नहरों में पानी छोड़े जाने के बाद खाद की मांग और बढ़ी।
किसानों ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर समाधान की मांग की।
