मांदलगांव को सिरसाली पंचायत में शामिल करने का विरोध तेज, ग्रामीणों ने जयपुर में जताया रोष
बामनवास। पंचायत राज विभाग की हालिया अधिसूचना के बाद मांदलगांव में विवाद खड़ा हो गया है। अधिसूचना में ग्राम पंचायत चांदनहोली से मांदलगांव को हटाकर नई ग्राम पंचायत सिरसाली में जोड़ने की बात कही गई है, जिसका ग्रामीणों ने कड़ा विरोध शुरू कर दिया है। मंगलवार को ग्रामीणों का एक प्रतिनिधिमंडल जयपुर पहुंचा और कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा को ज्ञापन सौंपकर निर्णय पर पुनर्विचार की मांग की।
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| कृषि मंत्री को ज्ञापन सौंपकर विरोध प्रदर्शन करते ग्रामीण लोग |
ग्रामीणों का कहना है कि मांदलगांव की दूरी चांदनहोली मुख्यालय से मात्र आधा किलोमीटर है, जबकि सिरसाली मुख्यालय काफी दूर पड़ता है, जिससे प्रशासनिक कार्य, शिक्षा, स्वास्थ्य व अन्य सुविधाओं तक पहुंचना कठिन हो जाएगा। वर्ष 1995 से मांदलगांव चांदनहोली पंचायत में ही शामिल रहा है और कभी कोई समस्या नहीं आई। ग्रामीणों ने साफ कहा कि निकटता और सुविधा के आधार पर मांदलगांव को चांदनहोली पंचायत से अलग करना व्यवहारिक नहीं है। साथ ही ग्राम पंचायत पिपलाई की लाकड़ी वाली ढाणी को भी चांदनहोली में शामिल करने के प्रस्ताव का विरोध जताया गया।
पंचायत राज विभाग की नई अधिसूचना से विवाद खड़ा।
मांदलगांव को चांदनहोली से हटाकर सिरसाली पंचायत में जोड़ने पर ग्रामीण नाखुश।
ग्रामीणों ने जयपुर पहुंचकर कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा को सौंपा ज्ञापन।
निकटता को आधार बताते हुए मांदलगांव को चांदनहोली में ही रखने की मांग।
पिपलाई की लाकड़ी वाली ढाणी को चांदनहोली में शामिल करने के भी विरोध स्वर।
प्रशासनिक दूरी बढ़ने से सुविधा प्रभावित होने की आशंका।
