बामनवास। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग ने वर्ष 2025 में गठित नवसृजित ग्राम पंचायतों के सुचारू संचालन के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए कार्यालय भवनों की व्यवस्था तत्काल करने के निर्देश जारी किए हैं। शासन सचिव डॉ. जोगाराम द्वारा जारी आदेश में जिला कलक्टर, मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद तथा संबंधित अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
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| नवसृजित ग्राम पंचायतों में खुलेंगे कार्यालय |
कहां से होगी कार्यालय भवनों की व्यवस्था?
सरकार ने स्पष्ट किया है कि नए ग्राम पंचायत कार्यालयों की स्थापना के लिए आवश्यक भवन की व्यवस्था मूल ग्राम पंचायत, वर्तमान ग्राम पंचायत, पंचायत समिति या जिला परिषद की अनुमति प्राप्त मदों से की जा सकती है।
इसके साथ ही ऐसे कई सरकारी भवनों को भी अस्थाई कार्यालय के रूप में उपयोग करने की छूट दी गई है, जिनका उपयोग वर्तमान में नियमित रूप से नहीं हो रहा है।
कौन-कौन से सरकारी भवन उपयोग में लिए जा सकेंगे?
अस्थायी कार्यालय व्यवस्था के लिए निम्न सरकारी भवन प्राथमिकता में रखे जाएंगे—
विद्यालय भवन
आंगनबाड़ी केंद्र
पशु उपकेन्द्र
सामुदायिक केन्द्र
अन्य उपलब्ध सरकारी भवन
यदि इनमें से कोई भवन अनुपयोगी या खाली है, तो उसे तत्काल प्रभाव से नवसृजित ग्राम पंचायत को आवंटित किया जाएगा।
स्वीकृत मुख्यालय पर ही बनेगा कार्यालय
राजस्थान सरकार ने यह भी निर्देश दिया है कि नवसृजित ग्राम पंचायतों के कार्यालय उसी स्थान पर स्थापित किए जाएं, जिसे उनके स्वीकृत मुख्यालय के रूप में अनुमोदित किया गया है। इससे प्रशासनिक कार्य सुव्यवस्थित रहेंगे तथा ग्रामीणों को सेवाएं आसानी से उपलब्ध हो सकेंगी।
सरकार का उद्देश्य
इस निर्णय का मुख्य उद्देश्य—
नवगठित ग्राम पंचायतों में प्रशासनिक कार्यों को गति देना।
ग्रामीणों को स्थानीय स्तर पर सुविधाएं उपलब्ध कराना।
पंचायत स्तर पर विकास योजनाओं के क्रियान्वयन को मजबूत करना।
पंचायत शासन को पूरी तरह कार्यात्मक बनाना।
