श्री सांवलिया सेठ के भंडार में भक्तों की बड़ी आस्था, चढ़ावा 36 करोड़ रुपए के पार

भक्तों की श्रद्धा का नया रिकॉर्ड: चौथे चरण की गिनती के बाद कुल राशि 36.13 करोड़ रुपए

मंडफिया (चित्तौड़गढ़)। मेवाड़ के सुप्रसिद्ध कृष्णधाम श्री सांवलिया सेठ के प्रति भक्तों की अथाह श्रद्धा ने एक बार फिर नया रिकॉर्ड बना दिया है। मंदिर के भंडार में इस वर्ष चढ़ाए गए धन की गिनती मंगलवार को चौथे चरण में पूरी हुई, जिसके बाद कुल प्राप्त राशि 36 करोड़ 13 लाख 60 हजार रुपए के पार पहुंच गई है। यह आंकड़ा मंदिर के इतिहास में सबसे बड़े चढ़ावों में से एक माना जा रहा है।

सुप्रसिद्ध कृष्णधाम सांवलिया सेठ के भंडार में चढ़ावें की गिनती

मंदिर प्रशासन के अनुसार, चौथे चरण की गिनती में ही 8 करोड़ 15 लाख 80 हजार रुपए नगद प्राप्त हुए। इससे पहले संपन्न हुए पहले तीन चरणों की गिनती में कुल 27 करोड़ 97 लाख 80 हजार रुपए भंडार से निकले थे। भक्तों द्वारा दिया गया यह अनुपम योगदान न सिर्फ मंदिर की ख्याति को दर्शाता है, बल्कि सांवलिया सेठ की दिव्य महिमा और श्रद्धालुओं की आस्था का भी प्रतीक है।

भंडार से निकलने वाली राशि की गिनती अत्यंत सुव्यवस्थित तरीके से की जा रही है। सुरक्षा और पारदर्शिता को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक चरण में बैंक कर्मियों, प्रशासनिक अधिकारियों और मंदिर कर्मचारियों की उपस्थिति सुनिश्चित की गई है। गिनती कार्य सुबह से देर शाम तक लगातार किया जा रहा है।

मंदिर ट्रस्ट के अनुसार राशि की गिनती का पांचवां चरण बुधवार को आयोजित होगा। अनुमान है कि अंतिम चरण के बाद कुल राशि और भी बढ़ सकती है। श्रद्धालुओं का मानना है कि सांवलिया सेठ हर वर्ष भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं, और इसी आस्था के चलते चढ़ावे में लगातार वृद्धि देखी जा रही है।

मेवाड़ के सबसे प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक श्री सांवलिया सेठ मंदिर हर वर्ष लाखों भक्तों को आकर्षित करता है, और इस वर्ष का अभूतपूर्व चढ़ावा मंदिर की बढ़ती लोकप्रियता और लोगों की गहरी आस्था का विशेष प्रमाण है।

Main Points (मुख्य बिंदु)

मंडफिया स्थित श्री सांवलिया सेठ मंदिर में भंडार गिनती का चौथा चरण पूरा।

अब तक कुल चढ़ावा 36 करोड़ 13 लाख 60 हजार रुपए से अधिक।

चौथे चरण में 8 करोड़ 15 लाख 80 हजार रुपए प्राप्त हुए।

इससे पहले तीन चरणों में 27 करोड़ 97 लाख 80 हजार रुपए गिने जा चुके।

पांचवें चरण की गिनती बुधवार को होगी।

यह मंदिर इतिहास के सबसे बड़े चढ़ावों में शामिल।

ग्रामीण समाचार

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